किडनी की बीमारी हमारी जीवन शैली को प्रभावित करती है| या ऐसा भी कहा जा सकता है कि आप का अनावश्यक अपनी जीवन शैली में बदलाव करना आपकी किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है| आज हम इस बारें में बात करने वाले हैं कि किडनी की बीमारी जैसे आपकी जीवन शैली को प्रभावित कर सकती है| आज के समय में जहां हमारे पास इस बात का भी समय नही कि हम खुद को थका हुआ भी कह सकें| क्योंकि हमारे जीवन में हमें इतने सारे काम होते हैं कि हमें इस बात की भी खबर नहीं होती कि हमें अपने शरीर का भी ध्यान रखना है| किडनी में खराबी की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखी गई है| अगर किडनी खराबी का आंकड़ा देखा जाए तो साढ़े 19 करोड़ महिलाएं इस समस्या का शिकार है, और भारत में तो CKD की बढ़ोतरी इतनी हुई है कि साल में लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग इस समस्या से पीड़ित होते हैं|
किडनी कैसे काम करती है:
किडनी मानव शरीर में रक्त को साफ़ करने का काम करती है| किडनी आपके शरीर में जमा गंदगी को यूरिन के माध्यम से बाहर करने में मदद करती है| अगर आप अपने रोजाना के जीवन में कुछ अच्छे बदलाव करते हैं, जैसे अपने खाने-पीने में, अपने व्यायाम में, अपने सुबह उठने के समय में, रात को सोने के समय में बदलाव, अपने नियमित क्रिया कलापों में, तो इससे आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहतर कोशिश कर सकते हैं| लेकिन वहीँ दूसरी तरफ दिनचर्या में अनावश्यक बदलाव आपकी किडनी को खराब कर सकते हैं|
किडनी हर मिनट 1.3 लीटर रक्त साफ़ कर सकती है| एक दिन में लगभग 400 बार रक्त को साफ करती है| अगर किसी मनुष्य की 75 प्रतिशत किडनी सही तरीके से काम करती है, तो मनुष्य सामान्य जीवन जी सकता है| किडनी का आपके रक्त को निरंतर साफ़ करने का कार्य चलता रहता है| आपके द्वारा लिया गया आहार आपके शरीर में जाकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है| शरीर में बनने वाला वेस्ट मटेरियल जिसको क्रिएटिनिन कहते हैं| उसको आपके रक्त से छान कर शरीर से बाहर निकालने की जिम्मेदारी किडनी की होती है|
किडनी जब अपने काम को सही तरीके से नहीं कर पाती तो इसकी वजह से किडनी में समस्या आ जाती है| जो कि कई सारी बीमारियों का कारण बनती है| इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी किडनी का खास ध्यान रखें ताकि किडनी के काम में किसी प्रकार का कोई दबाव न आये और आपकी किडनी अपना काम बेहतर और सही तरह से कर पाए| तो यह हैं किडनी की कार्यप्रणाली जिसके चलते आपकी किडनी तरह से काम करती है और आपका शरीर बीमारियों से बचा रहता है|
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण:
जब किसी की किडनी में खराबी आती है तो उसके शरीर में कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, और जो लोग शरीर के इन सभी लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं तो इससे उनकी किडनी में खराबी आने की संभावना बढ़ जाती है| आइये जानते हैं शरीर में नजर आने वाले वो कौन से लक्षण हैं जो आपको किडनी की खराबी को बताते हैं|
- जब किसी की किडनी में कोई भी दिक्कत आती है तो सबसे पहला बदलाव यूरिन से जुड़ा हुआ होता है| जिसमें यूरिन की मात्रा में कमी हो सकती है, साथ ही यह भी हो सकता है कि यूरिन रिलीज करने के समय में बदलाव हो जाये| अक्सर ऐसा होता है कि आपको पूरे दिन भर यूरिन रिलीज नहीं होगी लेकिन रात के समय आपको बार बार यूरिन रिलीज करने का मन होगा| अगर ऐसा आपके साथ भी होता है तो यह किडनी में खराबी का एक संकेत है|
- जब किसी का वजन बिना किसी समस्या के तेजी से कम होने लगे तो यह किडनी खराबी की वजह से हो सकता है|
- रक्त में अचानक कमी हो जाना भी किडनी में खराबी की वजह से हो सकता है|
- हाथ पैरों में और खास कर आँखों के नीचे सूजन आना भी किडनी खराबी की वजह से हो सकता है|
- यूरिन रिलीज करते समय दर्द और जलन होना भी किडनी में खराबी को बताता है|
- काम करने में जल्दी थकान लगना, चक्कर आना, शरीर में कमजोरी होना किडनी खराबी का एक लक्षण है|
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का बढ़ना भी किडनी खराबी का एक बड़ा संकेत माना गया है|
- इसके अलावा त्वचा में खुजली होना और रेशेज होना भी किडनी में खराबी को बताता है|
किडनी बचाव के उपाय:
किडनी के बचाव के रूप में अगर आप आयुर्वेद को अपने जीवन में शामिल करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा| आज के समय में आयुर्वेद ने मानव जीवन में कई सारे बदलाव किये हैं| वर्तमान समय में ऐसी कई सारी बीमारियाँ है जिसका इलाज़ आयुर्वेद में संभव हुआ है| आज के समय में जिन समस्याओं का समाधान आपको एलॉपथी में नहीं मिला, वह आपको आयुर्वेद में मिल गया है| जिसमें एक किडनी भी शामिल है| किडनी खराबी के लिए ऐसा कहा जाता था कि इसका इलाज़ संभव नहीं| एलॉपथी में इसके लिए सिर्फ डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट ही है| बल्कि ऐसा नहीं है, अगर आयुर्वेद में देखा जाये तो आयुर्वेद ने किडनी के लिए सफल इलाज़ को संभव बनाया है| आयुर्वेदिक इलाज़ में सिर्फ आहार में बदलाव और समय पर दवाइयां खानी होती हैं, इसके अलावा और कुछ नहीं|
आयुर्वेद में किडनी इस तरह करता है उपचार:
आयुर्वेद में किडनी के लिए इलाज़ के रूप में आपको सिर्फ कुछ चीज़ों को अपनाना होगा| क्योंकि यहाँ डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के लिए जगह नहीं है| यहाँ बस जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे| जिसमें सबसे पहले है योग, फिर आहार और आयुर्वेद| इन तीनों को आप अपने जीवन में शामिल कर लें तो आप किडनी जैसी कई गंभीर समस्या से दूर हो सकते हैं|
योग :-
किडनी की समस्या को दूर करने के लिए आप अपने जीवन में योग को शामिल करें|
- किडनी के मरीज़ों को प्रतिदिन सुबह धीरे-धीरे टहलना चाहिए|
- जल्दी जल्दी न चले यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है|
इसके बाद कुछ ऐसे आसान होते हैं जो सुबह शाम करना चाहिए जैसे:
- भुजंग आसन,
- मत्स्यासन,
- सेतु बंधासन,
- नौकासन और
- पश्चिमोत्तानासन कर सकते हैं|
लेकिन आप इन सभी आसान को करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर लें|
आहार :-
किडनी की समस्या को अपने जीवन से दूर करने के लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव कर सकते हैं| आप ऐसे आहार का सेवन करें जिन चीज़ों में प्रोटीन, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर और फास्फोरस की मात्रा कम हो| साथ ही आपको कौन सा आहार कितनी मात्रा में लेना है इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए| जिन चीज़ों में प्रोटीन, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर और फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है वह शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा देती है| जो आपके किडनी के कार्य करने की शक्ति को कमजोर बना देता है|
आयुर्वेद :-
अगर हम आयुर्वेद के बारे में बात करें तो आयुर्वेद मानव के शरीर को ही नहीं बल्कि मन और आत्मा को भी स्वस्थ रखता है| आयुर्वेद एक प्राचीन अभ्यास है, जो मनुष्य के जीवन में सदियों से चला आ रहा है| आयुर्वेद के अनुसार शरीर में होने वाली बीमारी बाहर से नहीं बल्कि शरीर के अन्दर पाए जाने वाले दोष से ही होती है| आयुर्वेद आपके शरीर के इन्हीं दोषों को दूर करता है और आपके शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नही होती क्योंकि यह पूरी तरह प्राकर्तिक होता है|
तो इस तरह किडनी को स्वस्थ करने में वेदों का आयुर्वेद सहायक होता है|
ध्यान रहे:
किडनी के मरीजों को कोई भी आहार, कोई भी योग और कोई भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन अपने आप से नहीं करना है| इसके लिए आप किसी जानकार से सलाह लें या फिर आप कर्मा आयुर्वेदा से संपर्क कर सकते हैं.
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